छठ पूजा भारत की एक प्रमुख और पवित्र परंपरा है, जो सूर्य देवता और उनकी पत्नी उषा की पूजा के लिए मनाई जाती है। यह त्योहार मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में मनाया जाता है, लेकिन अब यह पूरे देश में और विश्वभर में भी मनाया जा रहा है।
छठ पूजा का इतिहास:
छठ पूजा का उल्लेख पुराणों और महाभारत में मिलता है। यह त्योहार भगवान राम की पत्नी सीता और भगवान कृष्ण की पत्नी रुक्मिणी द्वारा मनाया गया था। समय के साथ, यह त्योहार लोकप्रिय होता गया और आज यह एक महत्वपूर्ण परंपरा बन गई है।
छठ पूजा की विधि:
छठ पूजा चार दिनों तक मनाई जाती है:
1. पहला दिन: छठ पूजा की तैयारी की जाती है और घरों की सफाई की जाती है।
2. दूसरा दिन: खरना या लोहंडा मनाया जाता है, जिसमें व्रती लोग पूरे दिन उपवास करते हैं और रात में भोजन करते हैं।
3. तीसरा दिन: सूर्य देवता की पूजा की जाती है और व्रती लोग नदी या तालाब में स्नान करते हैं।
4. चौथा दिन: उषा की पूजा की जाती है और व्रती लोग अपना व्रत तोड़ते हैं।
छठ पूजा का महत्व:
छठ पूजा का महत्व इस प्रकार है:
1. सूर्य देवता की पूजा: छठ पूजा सूर्य देवता की पूजा के लिए मनाई जाती है, जो जीवन की ऊर्जा और प्रकाश का स्रोत है।
2. परिवार की सुख-समृद्धि: छठ पूजा परिवार की सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए मनाई जाती है।
3. समाजिक एकता: छठ पूजा समाजिक एकता और सद्भावना को बढ़ावा देती है।
निष्कर्ष:
छठ पूजा भारत की एक महत्वपूर्ण परंपरा है, जो सूर्य देवता और उनकी पत्नी उषा की पूजा के लिए मनाई जाती है। यह त्योहार परिवार की सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए मनाया जाता है और समाजिक एकता को बढ़ावा देता है।
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